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बाइबिल में आदम और हव्वा, दो छिपे हुए रहस्य

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उत्पत्ति अध्याय 2 और 3 में, आदम और हव्वा की कहानी परमेश्वर द्वारा आकाश और पृथ्वी की सृष्टि के पूरा होने के बाद प्रकट होती है। परमेश्वर ने आदम और हव्वा को, जो परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए थे, अदन की वाटिका में रहने की अनुमति दी(उत 1:26-27; 2:8)। अदन की वाटिका में दो वृक्ष थे: भले और बुरे के ज्ञान का वृक्ष और जीवन का वृक्ष। परमेश्वर ने आदम और हव्वा को भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खाने से मना किया, और उन्हें चेतावनी दी कि यदि वे उसका फल खाएंगे तो वे निश्चय मर जाएंगे(उत 2:9, 16-17)। फिर भी, आदम और हव्वा, सर्प के द्वारा भरमाए गए और उन्होंने भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खाने का पाप किया। परिणामस्वरूप, उन्हें अदन की वाटिका से निकाल दिया गया।

आदम और हव्वा की कहानी मानव जाति के पाप और मृत्यु की शुरुआत के रूप में जानी जाती है। आश्चर्यजनक रूप से, इस कहानी में परमेश्वर के उद्धार और अनन्त जीवन के रहस्य भी छिपे हुए हैं। उन रहस्यों में से, आइए हम परमेश्वर के स्वरूप और जीवन के वृक्ष पर ध्यान दें।

आदम और हव्वा परमेश्वर के स्वरूप में सृजे गए

सृष्टि का सबसे महत्वपूर्ण दृश्य वह है जहां परमेश्वर ने मनुष्यों को बनाया। परमेश्वर ने आदम और हव्वा को बनाने से ठीक पहले बहुत ही महत्वपूर्ण वचन कहे थे।

फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं…” तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। उत 1:26-27

शब्द “हम” और “अपने” प्रथम-पुरुष बहुवचन सर्वनाम हैं, जो एक से अधिक व्यक्तियों को दर्शाते हैं। यह आम तौर पर स्वीकृत अवधारणा है कि परमेश्वर केवल एकवचन रूप में पिता परमेश्वर हैं; लेकिन, इन आयतों में, परमेश्वर स्वयं को “मैं” या “मेरे” नहीं, बल्कि बहुवचन सर्वनाम में “हम” और “अपने” कहते हैं।

इब्रानी भाषा में लिखे बाइबल के मूल पाठ में परमेश्वर को एलोहीम के रूप में दर्ज किया गया है।एलोहीम एल या एलोहा(परमेश्वर या देवता) का बहुवचन रूप है, जिसका अर्थ है एक से ज्यादा परमेश्वर।उत्पत्ति की पुस्तक के लेखक ने उल्लेख किया कि दो या दो से अधिक परमेश्वर हैं, और परमेश्वर के स्वरूप के अनुसार बनाए गए मनुष्य नर और नारी हैं।इसका मतलब है कि परमेश्वर नर–स्वरूप का परमेश्वर और नारी–स्वरूप की परमेश्वर है।ईसाई धर्म में, नर स्वरूप के परमेश्वर को पिता परमेश्वर के रूप में जाना जाता है।तब, नारी स्वरूप की परमेश्वर कौन है?स्वाभाविक रूप से, वह माता परमेश्वर हैं।

आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ जीवन है(उत 3:20)। बाइबल आगे दर्ज करती है कि ऐसा इसलिए हैं क्योंकि हव्वा सभी जीवित प्राणियों की आदिमाता है। जैसे आदम पिता परमेश्वर और मसीह को दर्शाता है जो मानवजाति को बचाने के लिए दूसरी बार आएंगे(रो 5:14; 1कुर 15:45), हव्वा माता परमेश्वर को दर्शाती है, जो मानव जाति को अनन्त जीवन देंगी।

जीवन का वृक्ष उन्हें अनन्त जीवन देता है जो उसमें से खाते हैं

बाइबल में लिखा है कि आदम और हव्वा को अदन से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के वचन की अवज्ञा की थी। परिणामस्वरूप, वे अपनी अवज्ञा के कारण मर गए। यह कहानी हमें सिखाती है कि कैसे मानवजाति ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया, उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया गया, और उन्हें मरने के लिए नियुक्त किया गया(यश 14:12-15; यहेज 28:12-17; रो 6:23)। परमेश्वर आदम और हव्वा के द्वारा मानवजाति के पाप और दण्ड को प्रकट करते हैं, और उसी कहानी में मानव जाति के लिए अनन्त जीवन प्राप्त करने का मार्ग भी छिपाया हैं।

फिर यहोवा परमेश्वर ने कहा, “मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है : इसलिये अब ऐसा न हो कि वह हाथ बढ़ाकर जीवन के वृक्ष का फल भी तोड़ के खा ले और सदा जीवित रहे।” उत 3:22

आदम और हव्वा ने भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खाने का पाप करने के बाद, परमेश्वर ने ये शब्द कहे।पहले से पाप करने के बावजूद, आदम और हव्वा हमेशा के लिए जीवित रह सकते थे यदि वे जीवन के वृक्ष का फल खाते।लेकिन, परमेश्वर ने आदम और हव्वा को ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। इसके बजाय, उन्होंने पापियों को उसके पास जाने से रोकने के लिए जीवन के वृक्ष का मार्ग बन्द कर दिया(उत 3:24)।

अदन की वाटिका में जीवन के वृक्ष की विशेषता यह है कि जो कोई उससे फल खाता है, वह उसे अनन्त जीवन देने की शक्ति रखता है।यीशु ने कहा कि वह जगत की सृष्टि से गुप्त रहस्यों को प्रकट करेंगे, और इस वास्तविकता को प्रकट किया कि हमें इस पृथ्वी पर अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा प्राप्त करने के लिए क्या खाना चाहिए।यह नई वाचा का फसह है, जिसके द्वारा हम यीशु का मांस खाने और उनका लहू पीने से पापों की क्षमा और अनन्त जीवन प्राप्त कर सकते हैं(यूह 6:54; मत 26:17-20, 26-28)।अदन वाटिका में जीवन का वृक्ष यीशु के मांस और लहू के साथ स्थापित नई वाचा फसह का एक प्रतिरूप और छाया था।

अदन में आदम और हव्वा की कहानी में, परमेश्वर ने जीवन के साथ-साथ मनुष्य की मृत्यु का उत्तर भी छिपाया है। पिता परमेश्वर, माता परमेश्वर और फसह जो अनन्त जीवन के लिए जीवन के वृक्ष का फल खाने का मार्ग है, वे उद्धार की कुंजियां हैं जिन्हें आज सभी मानवजाति को खोजना चाहिए।

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