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ऐसा क्यों है कि यहोवा यीशु हैं?
यहोवा=यीशु मसीह

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“क्या यहोवा परमेश्वर यीशु हैं?” इस प्रश्न के लिए कई व्याख्याएं और राय हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहोवा परमेश्वर जिन्होंने आकाश और पृथ्वी को सृजा और लाल समुद्र को विभाजित किया, और यीशु जो एक बढ़ई के पुत्र के रूप में पैदा हुए और हमारे समान शरीर में जीवन जिया, बहुत अलग दिखते हैं। इसलिए लोग आसानी से विश्वास नहीं करते कि यहोवा परमेश्वर यीशु हैं। हालांकि, यदि हम यहोवा परमेश्वर और यीशु के बारे में बाइबल के अभिलेखों की तुलना करते हैं, तो हम पुष्टि कर सकते हैं कि नए नियम के समय में पुत्र परमेश्वर यीशु मसीह पुराने नियम के समय में पिता परमेश्वर यहोवा हैं।

उद्धारकर्ता यहोवा और यीशु

पुराने नियम में प्रकट होने वाले उद्धारकर्ता यहोवा परमेश्वर हैं। पुराने नियम में लिखा है कि यहोवा को छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं है।

मैं ही यहोवा हूँ और मुझे छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं। यश 43:11

लेकिन, नए नियम में लिखा है कि यीशु के अलावा कोई उद्धारकर्ता नहीं है।

यह [यीशु] वही पत्थर है जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने तुच्छ जाना और वह कोने के सिरे का पत्थर हो गया और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं। प्रे 4:11

यदि यहोवा परमेश्वर और यीशु अलग होते, तो दो अभिलेखों में से एक गलत होता और बाइबल में एक विरोधाभास होता। लेकिन, बाइबल के अभिलेख बिलकुल सही हैं। यह इसलिए है क्योंकि यीशु ही यहोवा हैं जो इस पृथ्वी पर शरीर धारण करके आए हैं। चूँकि यहोवा और यीशु एक ही हैं, ये वचन कि यहोवा को छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं, और यीशु को छोड़ कोई उद्धारकर्ता नहीं है, एक ही हैं।

पिता परमेश्वर एक बालक के रूप में पैदा होंगे।

पुराने नियम ने भविष्यवाणी की थी कि पिता परमेश्वर एक बालक के रूप में पैदा होंगे, और दाऊद की राजगद्दी पर बैठेंगे।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके काँधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा… इसलिये वह उसको दाऊद की राजगद्दी पर इस समय से लेकर सर्वदा के लिये न्याय और धर्म के द्वारा स्थिर किए और सम्भाले रहेगा… यश 9:6-7

इसका अर्थ है कि पिता यहोवा एक बालक के रूप में पैदा होंगे और दाऊद की राजगद्दी पर बैठेंगे। मगर, नया नियम इस बात की गवाही देता है कि यीशु ने इस भविष्यवाणी को पूरा किया।

“देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना… और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” लूक 1:30-33

स्वर्गदूत ने कहा कि यीशु मरियम के द्वारा एक बालक के रूप में पैदा होंगे और दाऊद की राजगद्दी पर बैठेंगे। इसलिए, पिता परमेश्वर यहोवा यीशु हैं; यशायाह 9 की भविष्यवाणी के अनुसार, जो यीशु के जन्म से 700 साल पहले लिखी गयी थी, वह एक बालक, एक पुत्र के रूप में पैदा हुए, और दाऊद की राजगद्दी पर बैठे।

सब्त के दिन का प्रभु यहोवा ही यीशु हैं

छह दिनों की सृष्टि के बाद, यहोवा परमेश्वर ने सातवें दिन विश्राम किया और उस दिन को विश्रामदिन यानी सब्त के दिन के रूप में नियुक्त किया, और इसे पवित्र मनाने की आज्ञा दी (उत 2:2-3; निर्ग 20:8-11)। सब्त के दिन का प्रभु, जो उन लोगो को आशीष देते हैं जो सब्त के दिन का पालन करते हैं, यहोवा परमेश्वर हैं। यही कारण है कि पुराने नियम में सब्त के दिन को “यहोवा का विश्रामदिन” कहा गया है।

“तू इस्राएलियों से यह भी कहना, ‘निश्चय तुम मेरे विश्रामदिनों को मानना, क्योंकि तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में मेरे और तुम लोगों के बीच यह एक चिह्न ठहरा है, जिससे तुम यह बात जान रखो कि यहोवा हमारा पवित्र करनेहारा है। निर्ग 31:13

लेकिन, नए नियम में लिखा है कि यीशु सब्त के दिन का प्रभु हैं।

मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है। मत12:8

इसलिए, यहोवा और यीशु एक ही हैं; यीशु मसीह ही सृष्टिकर्ता परमेश्वर हैं। फिर भी, यदि वे इस बात पर जोर देते हैं कि यहोवा और यीशु अलग हैं, तो यह इस वचन, “यहोवा का विश्रामदिन” और “यीशु सब्त के दिन का प्रभु हैं” को इनकार करने का कार्य है। दूसरे शब्दों में, यह सृष्टिकर्ता का इनकार करना है जो इस पृथ्वी पर हमें बचाने के लिए शरीर में आए हैं।

अल्फा और ओमेगा यहोवा ही यीशु हैं

प्रकाशितवाक्य 1 में, यहोवा परमेश्वर ने स्वयं को अल्फा और ओमेगा के रूप में दर्शाया है।

प्रभु परमेश्वर, जो है और जो था और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्तिमान है, यह कहता है, “मैं ही अल्फ़ा और ओमेगा हूँ।” प्रक 1:8

नए नियम में, वचन “प्रभु परमेश्वर” यहोवा परमेश्वर को दर्शाता है। प्रकाशितवाक्य 4 में, हम देख सकते हैं कि सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, जो था, और है, और आने वाला है, वह सृष्टिकर्ता परमेश्वर यहोवा हैं जो स्वर्ग के सिंहासन पर विराजमान है और चारों जीवित प्राणियों और चौबीसों प्राचीनों से युगानुयुग महिमा प्राप्त करते हैं(प्रक 4:8-11)। “प्रकाशितवाक्य 1:8 में ‘प्रभु परमेश्वर’ यहोवा परमेश्वर हैं,” इस तथ्य को यहोवा के साक्षियों द्वारा भी नकारा नहीं जा सकता है जो दावा करते हैं कि पिता और पुत्र अलग हैं। उनके द्वारा प्रकाशित बाइबल ‘पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद’ में भी “प्रभु परमेश्वर” को यहोवा के रूप में निर्दिष्ट किया गया है।

इसलिए, प्रकाशितवाक्य 1:8 का अर्थ है कि यहोवा परमेश्वर अल्फा और ओमेगा हैं। यहाँ, ग्रीक वर्णमाला के 24 अक्षरों में अल्फा पहला अक्षर है और ओमेगा आखिरी अक्षर है, जिसका अर्थ है कि यहोवा परमेश्वर प्रथम और अंतिम, आदि और अंत हैं। इस बात पर पुराने नियम के समय से जोर दिया गया है(यश 44:6)। लेकिन, प्रकाशितवाक्य 22 में, एक व्यक्ति है जो कहता है, “मैं अल्फा और ओमेगा हूं।”

मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ। प्रक 22:13

अब तक हमने जिन वचनों को देखा है, उनके अनुसार, यहाँ “मैं” यहोवा परमेश्वर होना चाहिए, लेकिन निम्नलिखित वचन में लिखा है कि यीशु अल्फा और ओमेगा, पहला और अंतिम हैं।

“मैं अल्फा और ओमेगा, पहला और अन्तिम, आदि और अन्त हूँ… मुझ, यीशु… मैं दाऊद का मूल और वंश, और भोर का चमकता हुआ तारा हूँ।” प्रक 22:13-16

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में जो एक ही हाथ से लिखी गई थी, अध्याय 1 कहता है कि यहोवा परमेश्वर अल्फा और ओमेगा हैं, और अध्याय 22 कहता है कि यीशु अल्फा और ओमेगा हैं। क्या इसका मतलब यह नहीं है कि यहोवा परमेश्वर और यीशु एक ही हैं? यदि यीशु पिता परमेश्वर नहीं हैं, परन्तु केवल पुत्र हैं, तो उन्हें कभी भी अल्फा नहीं कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर पिता अल्फा हैं, यानी पहला, पिता द्वारा पैदा हुआ पुत्र उसके बाद में होना चाहिए। बाइबल स्पष्ट रूप से कहती है कि यीशु ही अल्फा यानी प्रथम हैं। यह साबित करने के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण है कि यीशु ही परमेश्वर यहोवा हैं।

भले ही यीशु एक नम्र बढ़ई के पुत्र के रूप में प्रकट हुए और उन्होंने वही जीवन व्यतीत किया जो मनुष्य का सा था, वह पिता परमेश्वर हैं जो अल्फा और ओमेगा हैं। यीशु के स्वयं को “पुत्र” कहने का कारण यह है कि उन्होंने परमेश्वर की महिमा को प्रकट नहीं किया लेकिन अपनी संतानों, मानव जाति के समान देहधारी बने। हालाँकि, जो लोग उन्हें बाइबल के माध्यम से सही ढंग से समझते हैं, वे स्वीकार करेंगे कि यीशु स्वभाव से परमेश्वर हैं(फिल 2:5; रो 9:5)।

उद्धारकर्ता यीशु पृथ्वी पर आए और पापों की क्षमा की व्यवस्था, नई वाचा की स्थापना की। वह बालक के रूप में पैदा हुए थे और दाऊद की राजगद्दी पर बैठे थे। वह सब्त के दिन के प्रभु और अल्फा और ओमेगा हैं। बाइबल गवाही देती है कि वह यहोवा परमेश्वर हैं।

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