मसीह शब्द का अर्थ है अभिषिक्त, अर्थात् परमेश्वर जो मानव जाति के उद्धार के लिए शरीर में आए। ईसाई धर्म का मूल विश्वास यह है कि उद्धारकर्ता इस पृथ्वी पर एक मनुष्य के रूप में आए थे। हमें उद्धार प्राप्त करने के लिए मसीह के शारीरिक पहलुओं के माध्यम से नहीं बल्कि बाइबल की भविष्यवाणियों पर विश्वास करने के द्वारा मसीह को सही ढंग से पहचानना और ग्रहण करना चाहिए।
बाइबल पढ़ने का उद्देश्य क्या है? मानवजाति की अगुवाई उद्धार की ओर करने के लिए परमेश्वर ने हमें बाइबल दी है। बाइबल हमें उद्धारकर्ता की ओर निर्देशित करती है ताकि हम उनकी शिक्षाओं का पालन कर सकें, ज्ञान और समझ प्राप्त कर सकें और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकें।
बाइबल वह पुस्तक है जो हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह की गवाही देती है। इसलिए यीशु ने बाइबल के द्वारा अपने बारे में गवाही दी, और चेलों ने भी बाइबल के द्वारा गवाही दी कि यीशु मसीह उद्धारकर्ता हैं। यदि हम उद्धारकर्ता पर विश्वास नहीं करते, जिसकी बाइबल गवाही देती है, तो इससे यह प्रमाणित होता है कि हम बाइबल और परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते।
‘बाइबल’ किस प्रकार की पुस्तक है? शब्द बाइबल की उत्पत्ति कहां से हुई? आइए हम बाइबल की संरचना, बाइबल में लिखी गई मूल भाषाओं और बाइबल नाम की उत्पत्ति का पता लगाएं।