बाइबल एक पुस्तक है जो उद्धारकर्ता की गवाही देती है(यूह 5:39)। मीका की किताब में, जो यीशु के आने से सैकड़ों साल पहले लिखी गई थी, यह भविष्यवाणी की गई थी कि उद्धारकर्ता का जन्म बैतलहम में होगा(मी 5:2); यीशु ने भविष्यवाणी को बिल्कुल वैसे ही पूरा किया जैसा लिखा गया था(मत 2:1-6)। उसी तरह, बाइबल पुराने और नए नियम में विभिन्न भविष्यवाणियों के माध्यम से यह भी बताती है कि यीशु मसीह दूसरी बार कहां से आएंगे। बाइबल के अनुसार, उनके पूर्व से आने की भविष्यवाणी की गई है।
अंतिम उद्धार का कार्य पूर्व में शुरू होता है
परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य
बाइबल भविष्यवाणी करती है कि यीशु को उद्धार का कार्य करने के लिए अंतिम दिनों में फिर से आना होगा(इब्र 9:28; लूक 21:27-28)। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में लिखा है कि उद्धार का अंतिम कार्य पूर्व में शुरू होगा।
इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे। वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी या समुद्र या किसी पेड़ पर हवा न चले। फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को जीवते परमेश्वर की मुहर लिये हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा; उसने उन चारों स्वर्गदूतों से जिन्हें पृथ्वी और समुद्र की हानि करने का अधिकार दिया गया था, ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा, “जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुंचाना।” प्रक 7:1-3
चार स्वर्गदूत पृथ्वी के चारों कोनों पर खड़े हैं, और हवाओं को थाम रहे हैं। एक बार हवाओं को छोड़ दिया जाए, तो एक वैश्विक विपत्ति घटित होगी। इसके द्वारा, हम समझ सकते हैं कि यह पूरी दुनिया पर आने वाली अंतिम विपत्ति को दर्शाता है। अंतिम विपत्ति आने से ठीक पहले परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य किया जाएगा। यह उद्धार का अंतिम कार्य है जिसे परमेश्वर अपने लोगों को बचाने के लिए करेंगे। यह कार्य पूर्व से शुरू होने की भविष्यवाणी की गई है। इसका अर्थ है कि दूसरी बार आने वाले मसीह, जो उद्धार का अंतिम कार्य करेंगे, पूर्व में प्रकट होंगे।
सूर्य, चंद्रमा और तारों में चिन्ह
आइए हम पुष्टि करें कि प्रकाशितवाक्य 7 में भविष्यवाणी किया गया परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य तब अवश्य घटित होगा जब यीशु दूसरी बार आएंगे। प्रकाशितवाक्य 6 के अनुसार, मुहर लगाने का कार्य शुरू होने से पहले विशेष चिन्ह होंगे।
जब उसने छठवीं मुहर खोली, तो मैं ने देखा कि एक बड़ा भूकम्प हुआ, और सूर्य कम्बल के समान काला और पूरा चंद्रमा लहू के समान हो गया। आकाश के तारे पृथ्वी पर ऐसे गिर पड़े जैसे बड़ी आंधी से हिलकर अंजीर के पेड़ में से कच्चे फल झड़ते हैं। प्रक 6:12-13
यह लिखा है कि सूर्य कम्बल के समान काला और पूरा चंद्रमा लहू के समान हो गया, और तारे पृथ्वी पर गिर पड़े। इन चिन्हों के प्रकट होने के बाद, परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य होगा(प्रक 7:1-3) सूर्य, चंद्रमा और तारों में वही चिन्ह सुसमाचार की पुस्तकों में लिखी गई यीशु के दूसरे आगमन के बारे में भविष्यवाणियों में भी पाए जाते हैं।
“उन दिनों के क्लेश के तुरन्त बाद सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चन्द्रमा का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे और आकाश की शक्तियां हिलाई जाएंगी। तब मनुष्य के पुत्र का चिह्न आकाश में दिखाई देगा, और तब पृथ्वी के सब कुलों के लोग छाती पीटेंगे; और मनुष्य के पुत्र को बड़ी सामर्थ्य और ऐश्वर्य के साथ आकाश के बादलों पर आते देखेंगे। वह तुरही के बड़े शब्द के साथ अपने दूतों को भेजेगा, और वे आकाश के इस छोर से उस छोर तक, चारों दिशाओं से उसके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे। मत 24:29-30
लिखा है कि जब सूर्य अन्धियारा हो जाएगा, और चन्द्रमा का प्रकाश जाता रहेगा, और तारे आकाश से गिर पड़ेंगे तब यीशु बादलों पर आएंगे और अपने चुने हुए लोगों को इकट्ठा करेंगे। जब आप इस भविष्यवाणी की तुलना प्रकाशितवाक्य 6 से करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य, दूसरी बार आने वाले यीशु द्वारा पूरा किया जाएगा। बाइबल के अनुसार, उन्हें अंतिम विपत्ति आने से पहले पूर्व से आना चाहिए और उद्धार का कार्य करना चाहिए।
दूसरी बार आने वाले मसीह पूर्व से एक मनुष्य के रूप में आते हैं
यही भविष्यवाणी यशायाह की पुस्तक में भी दर्ज है।
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, ‘मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।’ मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करनेवाले पुरुष को बुलाता हूं… मैं अपनी धार्मिकता को समीप ले आने पर हूं वह दूर नहीं है, और मेरे उद्धार करने में विलम्ब न होगा; मैं सिय्योन का उद्धार करूंगा और इस्राएल को महिमा दूंगा। यश 46:10-13
परमेश्वर ने भविष्यवाणी की थी कि वह उद्धार प्रदान के लिए पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करनेवाले पुरुष को बुलाएंगे। एक वास्तविक उकाब पक्षी परमेश्वर के उद्धार के कार्य को पूरा नहीं कर सकता, इसलिए यहां उकाब एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जो परमेश्वर की युक्ति को पूरा करेगा। इसका मतलब यह है कि परमेश्वर अपने लोगों को उद्धार देने के लिए पूर्व में एक दूर देश से उकाब के रूप में दर्शाए गए एक पुरुष को बुलाएंगे। यह भविष्यवाणी फारस के राजा कुस्रू के द्वारा आंशिक रूप से पूरी की गई थी। छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में, परमेश्वर द्वारा बुलाए गए कुस्रू ने इस्राएलियों को बेबीलोन की 70 वर्ष की बन्धुवाई से छुड़ाया(यश 45:1-3, 13; एज्रा 1:1-3)।
लेकिन, यह भविष्यवाणी पूरी तरह से तब पूरी होगी जब परमेश्वर स्वयं दोबारा आएंगे। बाइबल में परमेश्वर को एक उकाब के रूप में वर्णित किया गया है, क्योंकि वह अपने लोगों के साथ हैं और उन्हें उद्धार देते हैं(निर्ग 19:4, व्य 32:11-12)। जिस प्रकार परमेश्वर ने कुस्रू के माध्यम से बेबीलोन में बंदी बनाए गए इस्राएलियों को मुक्त कराया, उसी प्रकार वह “पूर्व से एक पुरुष” के रूप में आएंगे और आत्मिक बेबीलोन में बंदी बनाए गए आत्मिक इस्राएलियों को बचाएंगे(प्रक 18:1-5)।
“किसने पूर्व दिशा से एक को उभारा है, जिसे वह धर्म के साथ अपने पांव के पास बुलाता है? वह जातियों को उसके वश में कर देता और उसको राजाओं पर अधिकारी ठहराता है; वह अपनी तलवार से उन्हें धूल के समान, और अपने धनुष से उड़ाए हुए भूसे के समान कर देता है… जब दीन और दरिद्र लोग जल ढूंढ़ने पर भी न पायें और उनका तालू प्यास के मारे सूख जाये; मैं यहोवा उनकी विनती सुनूंगा… मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहाऊंगा ; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा।” यश 41:2-4, 17-18
घबरानेवालों से कहो, “हियाव बांधो, मत डरो! देखो, तुम्हारा परमेश्वर बदला लेने और प्रतिफल देने को आ रहा है। हां, परमेश्वर आकर तुम्हारा उद्धार करेगा।” तब अंधों की आंखें खोली जाएंगी और बहिरों के कान भी खोले जाएंगे; तब लंगड़ा हरिण की सी चौकड़ियां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरुभूमि में नदियां बहने लगेंगी; मृगतृष्णा ताल बन जाएगी और सूखी भूमि में सोते फूटेंगे… यश 35:4-7
यशायाह 41 में लिखा है कि जब एक पुरुष पूर्व से प्रकट होता है, तब मुण्डे टीलों से भी नदियां बहती हैं और जंगल ताल बन जाता है और निर्जल देश सोता बन जाता है।ये बातें तब घटित होंगी जब जीवन के जल का स्रोत, परमेश्वर इस पृथ्वी पर आएंगे(यश 35:4-6, मत 11:2-5 तुलना)।इसलिए, यशायाह 41 में “पूर्व से एक पुरुष” मसीह के बारे में भविष्यवाणी है जो मानवजाति को जीवन का जल देने के लिए पूर्व से आएंगे।
पूर्व में दूर देश जहां सूर्योदय होता है, दक्षिण कोरिया है।
जब यीशु पहली बार आए, तो वह इस्राएल से आए थे। लेकिन, उनके दूसरे आगमन पर, यह भविष्यवाणी की गई है कि वह पूर्व में एक दूर देश से आएंगे। तब, पूर्व में दूर देश कहां है जहां दूसरी बार आने वाले यीशु आएंगे? इसे समझने के लिए, हमें सबसे पहले यह जानना होगा कि जब नबियों ने प्रकाशन देखा तो वे कहां थे। प्रेरित यूहन्ना ने पतमुस द्वीप पर प्रकाशन देखा, और नबी यशायाह ने इस्राएल में प्रकाशन देखा। यदि आप विश्व मानचित्र पर पतमुस द्वीप और इस्राएल से पूर्व में दूर देश की तलाश करें, तो आपको दक्षिण कोरिया मिलेगा।
कुछ लोग पूछते हैं, “यह कोरिया क्यों होना चाहिए? चीन या जापान क्यों नहीं?” ऐसा इसलिए है कि परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य दक्षिण कोरिया में शुरू हुआ। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य पूर्व देश से शुरू होना चाहिए जैसा कि बाइबल में प्रकाशितवाक्य 7 में भविष्यवाणी की गई है। परमेश्वर की मुहर, जो हमें विपत्ति से बचाती है, नई वाचा का फसह है(यूह 6:27, 53-56; मत 26:17-28)। नई वाचा के फसह का सत्य, 325 ई. में निकिया की परिषद में मिटा दिए जाने के बाद इतिहास में लुप्त हो गया। तब इस युग में यह सत्य फिर से कहां प्रकट हुआ? यह कोरिया में फिर से प्रकट हुआ; इसलिए, बाइबल में भविष्यवाणी किया गया पूर्व देश कोरिया है।
दूसरी बार आने वाले मसीह को कोरिया से फिर आना है और संतों पर परमेश्वर की मुहर लगाकर अंतिम विपत्ति से बचाना है और उनकी प्यासी आत्माओं को जीवन के जल से पुनर्जीवित करना है। इस भविष्यवाणी के अनुसार, मसीह आन सांग होंग आए हैं। मसीह आन सांग होंग का जन्म कोरिया में हुआ और उन्होंने अंजीर के पेड़ और राजा दाऊद के सिंहासन की भविष्यवाणियों के अनुसार 1948 में जब वह तीस वर्ष के थे, बपतिस्मा लिया और सुसमाचार का कार्य शुरू किया। उन्होंने फसह सहित नई वाचा के सभी सत्य को पुनर्स्थापित किया, और अपने लोगों को उद्धार के स्थान, सिय्योन में इकट्ठा किया(मत 24:30-31)। इस प्रकार, मसीह के बारे में भविष्यवाणी जो पूर्व से आएंगे, पूरी हुई।