चूँकि परमेश्वर प्रत्येक युग में एक अलग नाम से उद्धार के कार्य का नेतृत्व करते हैं, विश्वासियों को अपने युग के उद्धारकर्ता के नाम से प्रार्थना करनी चाहिए। इस युग में उद्धारकर्ता का नाम आन सांग होंग है।
पिता और पुत्र के युग में परमेश्वर के लोगों ने किसके नाम से प्रार्थना की?
आज अधिकांश ईसाई यीशु के नाम से प्रार्थना करते हैं। फिर, यीशु के आने से पहले मूसा और दाऊद ने किसके नाम से प्रार्थना की? परमेश्वर के लोग हमेशा यीशु के नाम से प्रार्थना नहीं करते थे।
तब मैं ने यहोवा से प्रार्थना की, “हे यहोवा, विनती सुनकर मेरे प्राण को बचा ले!” भज 116:4
पिता के युग में, उन्होंने यहोवा के नाम से प्रार्थना की। लेकिन, पुत्र के युग में, यीशु ने अपने लोगों को यहोवा के नाम में नहीं, बल्कि उनके नाम से प्रार्थना करना सिखाया।
अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो, तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। यूह 16:24
वचन “अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा,” दिखाता है कि चेलों ने उस समय तक यहोवा के नाम से प्रार्थना की थी। लेकिन, तब से, यीशु ने उनसे ‘मेरे नाम’ यानी यीशु के नाम से प्रार्थना करने के लिए कहा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिता का युग पुत्र के युग में बदल गया, और उद्धारकर्ता का नाम यहोवा से बदलकर यीशु हो गया(प्रे 4:11-12)। यदि चेलों ने यीशु की शिक्षा के विरुद्ध यहोवा के नाम से प्रार्थना करने पर जोर दिया होता, तो उनकी प्रार्थना का उत्तर नहीं दिया जाता।
तब, इस युग में हमें किसके नाम से प्रार्थना करनी चाहिए?
आज न तो पिता का युग है और न ही पुत्र का युग है। यह पवित्र आत्मा का युग है, जब मसीह की पवित्र आत्मा के रूप में प्रकट होने की भविष्यवाणी की गई है(संदर्भ: प्रक 22:17; 19:7) आज परमेश्वर के लोगों को पवित्र आत्मा के युग के उद्धारकर्ता के नाम से प्रार्थना करनी चाहिए। बाइबल भविष्यवाणी करती है कि पवित्र आत्मा के युग में उद्धारकर्ता का नाम पवित्र आत्मा का नाम है(मत 28:19) और वह यीशु का नया नाम है।
“जो जय पाए… उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने परमेश्वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है, और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा।” प्रक 3:12
यीशु ने कहा कि वह अपने लोगों को अपना नया नाम देंगे। यहाँ, यीशु का नया नाम दूसरी बार आने वाले यीशु के नाम को दर्शाता है(प्रक 2:17; 1पत 2:4)। इसलिए, पवित्र आत्मा के युग में रहने वाले परमेश्वर के लोगों को दूसरी बार आने वाले यीशु का नाम जानना चाहिए, उस नाम पर विश्वास करना और प्रार्थना करनी चाहिए।
आन सांग होंग दूसरी बार आने वाले मसीह हैं जो बाइबल की सभी भविष्यवाणियों के अनुसार इस युग में मानव जाति को बचाने के लिए इस पृथ्वी पर आए। चर्च ऑफ गॉड दूसरी बार आने वाले मसीह आन सांग होंग पर विश्वास करता है और उनका पालन करता है। इसलिए, चर्च ऑफ गॉड के सदस्य जैसा बाइबल सिखाती है, वैसा यीशु के नए नाम, आन सांग होंग के नाम से प्रार्थना करते हैं।