बाइबल पढ़ने का उद्देश्य क्या है? मानवजाति की अगुवाई उद्धार की ओर करने के लिए परमेश्वर ने हमें बाइबल दी है। बाइबल हमें उद्धारकर्ता की ओर निर्देशित करती है ताकि हम उनकी शिक्षाओं का पालन कर सकें, ज्ञान और समझ प्राप्त कर सकें और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकें।
नूह के जहाज की कहानी मानव जाति के लिए परमेश्वर के उद्धार के संदेश को प्रकट करती है। वह आत्मिक जहाज कहां है जिसे मानव जाति को अंतिम विपत्ति आने से पहले ढूंढ़ना चाहिए?
बहुत से लोग बाइबल में उत्पत्ति की पुस्तक में दर्ज आदम और हव्वा की कहानी जानते हैं; लेकिन वे उसमें छिपे उद्धार के रहस्य को नहीं जानते। यह कुछ ऐसा है जिसे हम सभी को जानना चाहिए।
बाइबल का इतिहास आकाश और पृथ्वी की सृष्टि के साथ शुरू होता है, और स्वर्ग के राज्य के आगमन के साथ समाप्त होता है। परमेश्वर ने मानवजाति को स्वर्ग के राज्य में ले जाने के लिए सृष्टि के माध्यम से अपने उद्धार के कार्य की भविष्यवाणी की है।
बाइबल वह पुस्तक है जो हमारे उद्धारकर्ता, यीशु मसीह की गवाही देती है। इसलिए यीशु ने बाइबल के द्वारा अपने बारे में गवाही दी, और चेलों ने भी बाइबल के द्वारा गवाही दी कि यीशु मसीह उद्धारकर्ता हैं। यदि हम उद्धारकर्ता पर विश्वास नहीं करते, जिसकी बाइबल गवाही देती है, तो इससे यह प्रमाणित होता है कि हम बाइबल और परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते।
‘बाइबल’ किस प्रकार की पुस्तक है? शब्द बाइबल की उत्पत्ति कहां से हुई? आइए हम बाइबल की संरचना, बाइबल में लिखी गई मूल भाषाओं और बाइबल नाम की उत्पत्ति का पता लगाएं।