नूह का जहाज और उद्धार

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बाइबल उत्पत्ति 6-8 में नूह का जहाज और जलप्रलय की जीवंत कहानी बताती है। अभूतपूर्व जलप्रलय से दुनिया नष्ट होने से पहले, नूह ने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार एक बड़ा जहाज बनाया और अपने परिवार और हर प्रकार के प्राणी के साथ जहाज में शरण ली। बाइबल भविष्यवाणी करती है कि जैसे नूह के दिनों में हुआ था, वैसे ही युग के अंत में भी होगा जब परमेश्वर पृथ्वी का न्याय करेंगे और अंतिम विपत्ति लाएंगे। इसलिए हमें नूह के इतिहास को याद रखना चाहिए।

परमेश्वर ने नूह को जहाज बनाने की आज्ञा दी

आदम और हव्वा के अदन की वाटिका में से निकाले जाने के बाद, पृथ्वी की आबादी धीरे-धीरे बढ़ती गई। जितना अधिक वे संख्या में बढ़ते गए, उतना ही संसार अधिक भ्रष्ट और पापमय हो गया। परमेश्वर ने देखा कि मनुष्य के मन की हर एक इच्छा बुरी है, इसलिए उन्होंने संसार को नष्ट करने के लिए निर्धारित किया।

इस समय के दौरान, नूह, आदम की दसवीं पीढ़ी, एकमात्र धर्मी व्यक्ति था जो परमेश्वर के साथ चला(उत 6:9)। परमेश्वर ने नूह से यह कहा कि वह जलप्रलय से पापमय दुनिया को नष्ट करेंगे और उसे दिखाया कि उद्धार कैसे प्राप्त किया जा सकता है। परमेश्वर ने उसे गोपेर वृक्ष की लकड़ी का जहाज बनाने की आज्ञा दी और इसे बनाने का तरीका भी विस्तार से बताया। परमेश्वर के वचन के अनुसार, नूह ने जहाज का निर्माण पूरा किया। यह एक विशाल घन के आकार का लकड़ी का जहाज था: लंबाई 300 हाथ(लगभग 450 फीट), चौड़ाई 50 हाथ(लगभग 75 फीट), और ऊंचाई 30 हाथ(लगभग 45 फीट)।

नूह के दिनों में महान जलप्रलय और उद्धार

जब नूह ने जहाज को बनाना पूरा किया, तब परमेश्वर ने कहा कि सात दिनों के बाद वह 40 दिन और 40 रात तक जल बरसाते रहेंगे, और पृथ्वी पर से हर जीवित प्राणी को नष्ट कर देंगे। परमेश्वर ने नूह को अपने परिवार और हर प्रकार के जानवर को भी जहाज में ले जाने की आज्ञा दी। नूह ने वह सब किया जो परमेश्वर ने उसे करने की आज्ञा दी थी, परमेश्वर ने जहाज का द्वार बंद कर दिया(उत 7:1-9, 13-16) और सात दिनों के बाद, बारिश होने लगी।

यह घटना नूह के जीवन के 600वें वर्ष के दूसरे महीने के 17वें दिन हुई। 40 दिनों तक बिना रुके बारिश होती रही और पूरी पृथ्वी में जलप्रलय आ गया। पक्षी, पशु, जंगली जानवर, और सभी मानव जाति जिनके नथनों में जीवन का श्वास था, मर गए। नूह जिसने परमेश्वर के वचन का पालन किया, उसके परिवार के सात सदस्य और जानवर जिन्होंने जहाज में प्रवेश किया था, केवल वे ही बच गए।

सातवें महीने के सत्रहवें दिन को, जहाज अरारात नामक पहाड़ पर ठहर गया। लगभग ढाई महीने बाद, दसवें महीने के पहले दिन, पहाड़ों की चोटियां दिखाई देने लगीं। 40 दिनों के बाद, नूह ने भूमि का पता लगाने के लिए एक कौए को भेजा; सात दिन बाद, उसने एक कबूतर भेजा। जब कबूतर अपनी चोंच में ताजा जैतून का एक नया पत्ता लेकर लौटा, तो उसे पता चला कि जल पृथ्वी पर घट गया है। जैतून का पत्ता प्राप्त करने के सात दिन बाद, कबूतर को बाहर भेजने के बाद वह वापस नहीं लौटा।

अगले वर्ष के पहले महीने के पहले दिन, नूह ने जहाज से आवरण हटाया और देखा कि भूमि सूखी है। दूसरे महीने के 27वें दिन तक, पृथ्वी पूरी तरह से सूख गई थी। नूह अपने परिवार और जानवरों के साथ जहाज से बाहर निकला; वे एक वर्ष से अधिक समय से जहाज में थे।

नूह, जहाज में से निकल गया, और परमेश्वर के लिए एक वेदी बनाई और शुद्ध पशुओं और पक्षियों में से कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया। परमेश्वर बलिदान से प्रसन्न हुए और उन्होंने नूह और उसके पुत्रों को बहुत सी संतानों के साथ बढ़ने की आशीष दी। जल-प्रलय से पहले, केवल सब्जियों और फलों को भोजन के लिए दिया गया था। लेकिन, जल-प्रलय के बाद, सभी चलनेवाले जन्तुओं को भोजन के रूप में दिया गया। परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों से कहा कि वह फिर कभी जल-प्रलय से सभी प्राणियों का विनाश न करेंगे, और वाचा के चिन्ह के रूप में बादल में धनुष रखा।

अन्तिम न्याय और उद्धार का जहाज, सिय्योन

नूह के दिनों में जलप्रलय इस बात का प्रमाण है कि परमेश्वर मानव जाति के इतिहास में गहराई से शामिल हैं, और साथ ही उद्धार के संदेश में भी शामिल हैं।

बाइबल की कई आयतें पृथ्वी पर आने वाले अंतिम न्याय के बारे में चेतावनी देती हैं। यीशु ने यह कहते हुए संसार के अंत के बारे में भविष्यवाणी की, “जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा।”(मत 24:37-39; लूक 17:26-27)। प्रेरित पतरस ने हमें नूह के दिनों में जलप्रलय की याद दिलाते हुए न्याय के दिन के बारे में भी लिखा(2पत 3:3-13)। इसका मतलब यह है कि नूह के दिनों में जो हुआ वह हमें भविष्यवाणी के रूप में दिखाता है कि अंत के दिनों में क्या होगा।

नूह ने परमेश्वर के वचन का पालन करते हुए एक जहाज बनाया ताकि वह उद्धार प्राप्त कर सके। यह हमें दिखाता है कि अंतिम न्याय आने से पहले, जो लोग परमेश्वर के वचन का पालन करते हैं, वे आत्मिक जहाज में निवास करने से बचाए जाएंगे। बाइबल गवाही देती है कि सिय्योन वह आत्मिक जहाज है जहां हमें महान विनाश आने से पहले भाग जाना चाहिए।

सिय्योन के मार्ग में झण्डा खड़ा करो, अपना सामान बटोरके भागो, खड़े मत रहो, क्योंकि मैं उत्तर की दिशा से विपत्ति और सत्यानाश ले आया हूं। यिर्म 4:6

बाइबल यह भी भविष्यवाणी करती है कि अंत के दिनों में, हर जाति के लोग सिय्योन में आएंगे, जैसे हर प्रकार के जानवर नूह के जहाज में प्रवेश करके बचाए गए थे।

अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा… और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे, और बहुत सी जातियों के लोग जाएंगे, और आपस में कहेंगे, “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याक़ूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। मी 4:1-2

तब, सिय्योन विशेष रूप से किस जगह को संकेत करता है? यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की थी कि सिय्योन वह स्थान है जहां परमेश्वर के पर्व मनाए जाते हैं।

हमारे पर्व के नगर सिय्योन पर दृष्टि कर… क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है, वही हमारा उद्धार करेगा… उनका अधर्म क्षमा किया जाएगा। यश 33:20-24

आज, एकमात्र चर्च है जो नई वाचा के परमेश्वर के पर्वों को पूरी तरह से मनाता है, वह चर्च ऑफ गॉड वर्ल्ड मिशन सोसाइटी है। जैसा कि मीका की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है, दुनिया भर में बहुत से लोग नई वाचा के सत्य को सीखने के लिए चर्च ऑफ गॉड में आ रहे हैं। इसलिए, चर्च ऑफ गॉड सिय्योन है, जो उद्धार का शरणस्थान है जिसे मानव जाति को जानना चाहिए और अंतिम विपत्ति से बचने के लिए प्रवेश करना चाहिए।

इब्रानियों के लेखक ने नूह के दिनों में जलप्रलय के बारे में लिखा है कि “विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में जो उस समय दिखाई न पड़ती थीं, चेतावनी पाकर भक्ति के साथ अपने घराने के बचाव के लिये जहाज बनाया”(इब्र 11:7)। आज भी, जो लोग परमेश्वर का भय मानते हैं और विश्वास के साथ सिय्योन में रहते हैं, वे बचाए जाएंगे।

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